Good Friday 2020:- गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है। यीशु का कोई दोष नहीं था ईसाई धर्मग्रंथ के अनुसार फिर भी उन्हें क्रॉस पर लटका कर दंड दिया गया।
Good Friday:- ईसाई धर्म ग्रंथ के मान्यताओं के अनुसार गुड फ्राइडे के दिन ही प्रभु ईसा ने मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राण को त्याग दिए और सूली पर चढ़े। इस दिन ईसाई धर्म के अनुयायी ( यानी कि पंडित ) चर्च जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं। वैसे इस बार कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन है जिसके कारण गुड फ्राइडे पर होने वाले कार्यक्रम को पहले ही रद्द किया जा चुका है। वैसे तो लोग चर्च जाकर प्रार्थना सभा में शामिल नहीं हो पाएंगे लेकिन घर अपने-अपने घर पर प्रभु यीशु को याद करेंगे और त्यौहार मनाएंगे।
गुड फ्राइडे कब है?
मार्च, अप्रैल या मई महीने में गुड फ्राइडे हर साल मनाया जाता है इस साल यह त्योहार 10 अप्रैल को है.
गुड फ्राइडे क्या है?
गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है। यीशु का कोई दोष नहीं था, ईसाई धर्मग्रंथ के अनुसार फिर भी उन्हें क्रॉस पर लटका कर दंड दिया गया। यीशु ने अपने हत्यारों की उपेक्षा करने के बजाए, उनके लिए किये ईश्वर से प्रार्थना बोले ‘हे ईश्वर! इन्हे माफ़ करना ये नहीं जानते की ये क्या कर रहे हैं। ईशा मसीह को जिस दिन क्रॉस पर लटकाया गया था उस दिन शुक्रवार था किसे अंग्रेजी में फ्राइडे कहा जाता है। ऐसा कहा गया है कि क्रॉस पर लटनाके के तीन दिन बाद यानी की रविवार को ईसा मसीह फिर से जिंदा हो गए थे, उस दिन को ईस्टर संडे कहा जाता है।
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क्यों लटकाया गया ईसा मसीह को क्रॉस पर?

ईशा धर्म के अनुसार परमेश्वर के पुत्र थे ईसा मसीह। लोगों में फैले अंधकार और अशिक्षित को देखकर ईशा मसीह लोगों को शिक्षित और जागरूक करना काम शुरू किए, जिसके कारण ईसा मसीह को क्रॉस पर लटका कर मृत्युदंड दे दिया गया था। उस वक्त यहूदियों ने कट्टरपंथी रब्बियों यानी की धर्मगुरुओं ने यीशु का पुरजोर विरोध किया। रोमन गवर्नर पिलातुस से यीशु की शिकायत कर दी कट्टरपंथियों ने। रोमन हमेशा डरते थे इस बात से कि कहीं अधिक क्रांति ना कर दें। पिलातूस ने उस समय कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए प्रभु यीशु को क्रॉस पर लटका कर जान से मार देने का आदेश दे दिया ।
मौत से पहले यीशु को ढेर सारी यातनाएं दी गई थी। उनके सिर पर कांटों का ताज रख किया गया था, इसके बाद उनको गोल गोथा नाम की जगह पर ले जाकर सूली पर चढ़ा दिया गया था। यीशु अपने शरीर से अलग होने से पहले कहे थे, ‘हे ईश्वर! मैं अपने प्राण को तेरे हाथों में हूं।
कैसे मनाते हैं गुड फ्राइडे?
वैसे तो गुड फ्राइडे की तैयारी प्रार्थना और उपवास के रूप में 40 दिन पहले ही शुरू हो जाती है. इस दौरान शाकाहारी और सात्विक भोजन पर जोर दिया जाता है. फिर गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म को मानने वाले अनुयायी गिरजाघर जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं. इस दिन भक्त उपवास के साथ प्रार्थना और मनन करते हैं. चर्च और घरों से सजावट की वस्तुएं हटा ली जाती हैं या उन्हें कपडे़ से ढक दिया जाता है. गुड फ्राइडे के दिन ईसा के अंतिम सात वाक्यों की विशेष व्याख्या की जाती है जो क्षमा, मेल-मिलाप, सहायता और त्याग पर केंद्रित हैं. कुछ जगहों पर लोग काले कपड़े धारण कर यीशु के बलिदान दिवस पर शोक भी व्यक्त करते हैं.
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क्या है ईस्टर संडे?
ईसा मसीह के जी उठने की याद में दुनिया भर में ईसाई धर्म को मानने वाले ईस्टर संडे मनाते हैं. मान्यता है कि मौत के तीन दिन बाद ईसा मसीह फिर से जीवित हो उठे थे. इसके बाद उन्होंने अपने शिष्यों के साथ 40 दिन रहकर हजारों लोगों को दर्शन दिए. ईस्टर संडे के दिन लोग चर्च में इकट्ठा होते हैं और प्रभु यीशु को याद करते हैं. ईसा मसीह के जी उठने की खुशी में लोग प्रभु भोज में भाग लेते हैं.
क्या है ईस्टर एग?
ईस्टर का पर्व नए जीवन और जीवन के बदलाव के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. ईसाई समुदाय में ईस्टर एग यानी कि अंडे का विशेष महत्व है. जिस तरह से चिड़िया सबसे पहले अपने घोसले मे अंडा देती है, उसके बाद उसमें से चूजा निकलता है. ठीक उसी तरह अंडे को शुभ माना गया है. यही वजह है कि ईस्टर में खास तरीके से इसका इस्तेमाल किया जाता है. ईस्टर संडे के दिन लोग एक दूसरे को अंडे के आकार के गिफ्ट देते हैं. यही नहीं सजावट में भी अंडे के आकार का इस्तेमाल किया जाता है
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